किचन गार्डनिंग अपनाकर घर की छत पर उगाएं पौष्टिक व ऑर्गेनिक सब्जियां
भूमिहीन किसानों के लिए किचन गार्डनिंग अच्छा विकल्प
औद्योगिक क्षेत्र के विस्तार से हमारी उपजाऊ जमीन कम होती जा रही है। ऐसे में किसानों के लिए सब्जियां उगाना मुश्किल हो रहा है। मांग पूरी न होने के कारण सब्जियों के भाव भी महंगे होते हैं। इस करण गरीबों तक पौष्टिक सब्जियां नहीं पहुंच पाती। करनाल के सलारू स्थित राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान सहायक निदेशक व केंद्र प्रभारी डॉ. आलोक कुमार सिंह ने बताया कि सब्जियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए किचन गार्डनिंग सस्ता एवं अच्छा उपाय है। किचन गार्डनिंग से हम कम खर्च में ताजी एवं ऑर्गेनिक सब्जियां उगा सकते हैं। कम जमीन एवं छोटी बालकनी में भी खुद का किचन र्गाडन तैयार कर सकते हैं। राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान ने तीनों मौसम के अनुसार किचन गार्डन किट तैयार की है। इसमें सभी सब्जियों के बीज कम रेट पर उपलब्ध हैं। रबी मौसम की किचन गार्डन किट 15 सितंबर से केंद्र में आकर ले सकते हैं।
किचन गार्डनिंग के लाभः घर पर स्वस्थ एवं ताजी सब्जियां उपलब्ध हो जाती हैं। इनमें उर्वरक एवं कीटनाशकों का प्रयोग नहीं होता, इसलिए जैविक उत्पाद मिलता है और पैसों की बचत होती है। घर की खाली जगह का सदुपयोग हो जाता है।
• कुछ महत्वपूर्ण जानकारियांः ऐसी भूमि का चयन करें जहां सूर्य की रोशनी पहुंचती हो। पौधों को रोजाना 4-5 घंटे सूर्य की रोशनी मिलना जरूरी है। पौधे लगाने से पहले भूमि में अच्छी तरह ऑर्गेनिक खाद जैसे गोबर की खाद एवं वर्मीकम्पोस्ट मिला लेना चाहिए। इससे पौधा स्वस्थ रहता है। पौधे लगाने से पहले। मिट्टी में ट्राईकोड्रमा का उपयोग करें। पौधों में कीड़ा लगने पर नीम ऑयल एवं बेवेरिया बेसियाना का छिड़काव करें। पौधों की एक निश्चित अंतराल पर जरूरत के अनुसार सिंचाई, निराई गुड़ाई करते रहें।